हिमाचल किसान सभा और सीटू की आज एक संयुक्त बैठक मनरेगा मजदूरों की बढ़ती समस्याओं पर चर्चा की गई। किसान मजदूर भवन निरमंड में आयोजित इस बैठक में जॉब कार्ड धारकों को प्रतिवर्ष 120 दिन का सुनिश्चित रोजगार देने और मजदूरी का समय पर भुगतान करने की मांग उठाई गई। बैठक में किसान सभा जिला महासचिव देवकी नंद, किसान सभा निरमंड ब्लॉक अध्यक्ष पूर्ण ठाकुर, हिमाचल भवन एवं अन्य निर्माण यूनियन की अध्यक्षा सुषमा देवी, सचिव परमिंदर तथा रणजीत ठाकुर ने केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतियों को मनरेगा मजदूरों के प्रति विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि नीतिगत अव्यवस्थाओं के कारण मनरेगा में रोजगार लगभग ठप है। रोजगार गारंटी केवल कागजों तक सीमित नेताओं ने बताया कि मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है, और यदि काम मिल भी रहा है तो मजदूरी तीन से चार माह बाद मिलती है। इससे मजदूरों को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है और परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है। निरमंड ब्लॉक में भी स्थिति गंभीर है, जहां मनरेगा में रोजगार की गारंटी केवल कागजों तक सीमित रह गई है। वक्ताओं ने जानकारी दी कि जमीनी स्तर पर मजदूरों को सालभर में औसतन मात्र 30-40 दिन का ही रोजगार मिल पा रहा है। किसान सभा और सीटू ने मांग की है कि मजदूरों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए 120 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया जाए और मजदूरी का भुगतान समय पर हो। जनवरी में काम के लिए सामूहिक आवेदन किए जाएंगे बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जनवरी माह में मनरेगा में रोजगार प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से आवेदन किए जाएंगे। इस दौरान परस राम, सनी राणा, मान ठाकुर, माहेश्वर, गुलाल, ऊषा, कांता देवी, सरोजा, सुलोचना, रीना, दमयंती, मीना कुमारी, चूडू राम, संजीव, रमेश, श्याम लाल, रूप लाल सहित कई अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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