कांगड़ा जिले के देहरा पुलिस और औषधि विभाग ने संसारपुर टैरेस स्थित QURX फार्मास्युटिकल्स की फैक्ट्री को सील कर दिया है। यह कार्रवाई नकली दवाओं के कारोबार पर की गई है। औषधि विभाग ने मौके पर ‘स्टॉप मैन्युफैक्चरिंग ऑर्डर’ जारी कर उत्पादन तत्काल बंद करा दिया। इसे कांगड़ा जिले में अब तक की सबसे बड़ी दवा फैक्ट्री रेड माना जा रहा है। यह मामला चार महीने पुराना है। 15 जुलाई 2025 को FIR नंबर 17/25 दर्ज की गई थी। इसमें नकली दवा निर्माण और कॉपीराइट उल्लंघन के आरोप लगाए गए थे। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 61(2) और कॉपीराइट एक्ट की धारा 63 के तहत कार्रवाई की जा रही है। बड़ी मात्रा संदिग्ध दवाएं बरामद की शुरुआती जांच के दौरान, पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में संदिग्ध दवाएं बरामद की थीं। जिला कांगड़ा के सहायक औषधि नियंत्रक ने 21 नवंबर को ‘स्टॉप मैन्युफैक्चरिंग ऑर्डर’ जारी किया था। औषधि निरीक्षक ने पुलिस और पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह आदेश फैक्ट्री प्रबंधन को सौंपा। इसके बाद उत्पादन बंद कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने बताया कि नकली दवाओं का निर्माण एक गंभीर अपराध है और पुलिस ऐसे मामलों में ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति पर काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में सप्लाई चेन और संभावित डिस्ट्रीब्यूटर्स की पहचान की जा रही है। जहां दवाएं बेची गई हैं वहां भी जांच होगी जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि फैक्ट्री में निर्मित नकली दवाएं किन राज्यों और बाजारों में बेची गईं। फैक्ट्री के मालिक और कर्मचारियों की भूमिका की जांच भी तेज कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, अवैध मुनाफे की पूरी जानकारी जुटाने के लिए बैंक खातों और वित्तीय लेन-देन की ऑडिट प्रक्रिया भी शुरू की गई है। इस कार्रवाई को हिमाचल पुलिस और औषधि विभाग द्वारा नकली दवा माफिया के खिलाफ की गई अब तक की सबसे बड़ी और निर्णायक कार्रवाई माना जा रहा है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में अवैध फार्मा कारोबार पर अब और सख्ती बरती जाएगी।