पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा (35) का हरियाणा के पिंजौंर में हुए सड़क हादसे के बाद आठ अक्टूबर को मौत हो गई थी। इस मामले में अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि हादसे के बाद जिस निजी अस्पताल में राजवीर को तुरंत जाया गया, वहां उन्हें उचित इलाज नहीं मिला। यहां तक कि उन्हें फर्स्ट एड (प्राथमिक उपचार) तक नहीं दिया गया। याचिका में राजवीर केस को आधार बनाकर भविष्य में पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा के अस्पतालों में उचित इलाज के लिए एक ठोस मैकेनिज्म (प्रणाली) बनाने की मांग की गई है। पहले चंडीगढ़ पहुंच गए थे इस मामले की सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी। यह याचिका एडवोकेट नवकिरण सिंह की ओर से दायर की गई है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में हमें यह जानकारी नहीं थी कि हादसा पिंजौर में हुआ है। इसी कारण हमने पहले हिमाचल हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। बाद में जब पता चला कि हादसा पिंजौर में हुआ है, तो मैं एक पत्रकार के साथ मौके पर गया। वहां जाकर पूरी स्थिति का जायजा लिया और डीडीआर (डेली डायरी रिपोर्ट) की कॉपी ली। डीडीआर में लिखवाया इलाज नहीं मिला डीडीआर की कॉपी में उन लोगों ने, जो सिंगर के साथ थे। उन्होंने यह लिखवाया था कि जब वे राजवीर को अस्पताल लेकर गए, तो वहां फर्स्ट एड नहीं दी गई। हमें लगा कि यह एक बड़ी खामी है, इसलिए हमने जनहित याचिका दायर की।हमने मांग की है कि चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में ऐसा प्रबंध किया जाए कि किसी भी हादसे में घायल व्यक्ति को तुरंत और उचित इलाज मिल सके। राजवीर को उदाहरण बनाया राजवीर के मामले को हमने एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है, क्योंकि ऐसा हादसा किसी के साथ भी हो सकता है।एडवोकेट नवकिरण सिंह ने बताया कि याचिका में निजी अस्पताल को पार्टी बनाया गया है और मांग की गई है कि पीजीआई से इस मामले की जांच कराई जाए। यदि जांच में अस्पताल की कोई गलती या कमी पाई जाती है, तो कार्रवाई की जाए, और अगर कोई लापरवाही नहीं पाई जाती, तो कोई कार्रवाई नहीं हो।