कांगड़ा जिले के देहरा में पूर्व उद्योग मंत्री और भाजपा नेता बिक्रम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के अनावरण मंच से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं, लेकिन धरातल पर उन्हीं के आदर्शों की सबसे बड़ी अवमानना कर रहे हैं। बिक्रम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुक्खू के मंच से दिए गए बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वीरभद्र सिंह ने हर बच्चे के लिए स्कूल खोले। ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा कि सुक्खू सरकार ने वीरभद्र सिंह के सिद्धांतों के विपरीत लगभग 1500 शिक्षा संस्थानों को डिनोटिफाई और बंद कर दिया है। ठाकुर बोले-सुक्खू सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया पूर्व मंत्री ने कहा कि वीरभद्र सिंह शिक्षा को समाज सेवा मानते थे और दुर्गम क्षेत्रों में स्कूल खोलकर हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाई थी। इसके विपरीत, सुक्खू सरकार ने उन्हीं स्कूलों को बंद कर दिया है, जिससे छोटे बच्चों को 5 से 7 किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ठाकुर ने इसे वीरभद्र सिंह के आदर्शों और कार्यशैली का खुला अपमान बताया। मुख्यमंत्री के भाषण को कुर्सी बचाने का दिखावा करार दिया बिक्रम ठाकुर ने यह भी कहा कि जिस प्रतिमा के अनावरण मंच से मुख्यमंत्री सुक्खू भाषण दे रहे हैं, उसकी स्थापना में दो साल की देरी कांग्रेस की अंदरूनी कलह के कारण हुई थी। यहां तक कि वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह को इस मांग पर इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने मुख्यमंत्री के भाषण को राजनीतिक मजबूरी और कुर्सी बचाने का दिखावा करार दिया। कांग्रेस सरकार के दोहरे चरित्र का उदाहरण उन्होंने इसे कांग्रेस सरकार के दोहरे चरित्र का उदाहरण बताया। उनके अनुसार, सुक्खू के भाषणों में वीरभद्र सिंह का जिक्र है, लेकिन उनकी नीतियों और शासन में उनके आदर्शों का कोई अंश नहीं बचा है। बिक्रम ठाकुर ने कहा कि भाजपा वीरभद्र सिंह जैसे कर्मयोगी को सच्ची श्रद्धांजलि देती है, जबकि उनकी अपनी पार्टी उनके सिद्धांतों पर ताले लगा रही है।