हिमाचल सरकार द्वारा 100 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को CBSE से संबद्ध करने के निर्णय को भाजपा ने भ्रमित, अव्यावहारिक और शिक्षा विरोधी’ कदम बताया है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राकेश जम्बाल ने कहा कि यह फैसला प्रदेश की स्वायत्त शिक्षा व्यवस्था पर सीधा प्रहार है। उन्होंने तर्क दिया कि हिमाचल बोर्ड राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) आधारित पाठ्यक्रम लागू करता है। इसके लिए कॉपीराइट अनुमति प्राप्त कर चुका है। ऐसे में 100 स्कूलों को CBSE में भेजना केवल ‘राजनीतिक दिखावा’ और जनता को भ्रमित करने का प्रयास है। शिक्षा विरोधी रवैया है सरकार उनका कहना है कि इससे 8,000 से अधिक विद्यालय और 5 लाख से अधिक विद्यार्थी जुड़े हैं। कांग्रेस सरकार का शिक्षा विरोधी रवैया राज्य के विश्वविद्यालयों को भी कमजोर कर रही है। उन्होंने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के समय में मंडी मे स्थापित सरदार पटेल विश्वविद्यालय का उदाहरण दिया। 122 से 30 कॉलेज ही रह गए संबंद्ध इसे हिमाचल विश्वविद्यालय का बोझ कम करने व परिणामों में देरी रोकने के लिए बनाया गया था।भाजपा सरकार ने करोड़ों रुपये से भवन तैयार कर कई कॉलेजों संबद्ध किए थे। वर्तमान सरकार ने कई कॉलेजों को अलग कर दिया है। शुरुआत में इससे 122 कॉलेज जुड़े थे, जो अब घटकर केवल 30 रह गए हैं। संस्थानों को बंद करने की साजिश जम्बाल ने कहा, “यह शिक्षा के प्रसार नहीं, बल्कि संस्थानों को बंद करने की साजिश है। कांग्रेस सरकार शिक्षा संस्थानों को विकसित करने नहीं, कमजोर करने के लिए जानी जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार का यह निर्णय HP बोर्ड की वित्तीय स्थिरता, शिक्षण व्यवस्था और हिमाचल की शैक्षिक स्वायत्तता – तीनों के लिए घातक है।

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