हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आज HRTC पेंशनर कल्याण संगठन, मंडी इकाई की मासिक बैठक के.डी. अवस्थी की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में लगभग 100 पेंशनरों ने भाग लिया और सरकार के प्रति गहरा रोष (गुस्सा) व्यक्त किया। पेंशनरों का आरोप है कि पिछले दो महीनों से पेंशन का भुगतान लंबित है, जिसके कारण उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। संगठन के प्रधान अनूप कपूर ने बताया कि लगभग 9000 पेंशनरों के लिए अपने परिवार का पालन-पोषण करना अत्यंत कठिन हो गया है। वृद्धावस्था में उन्हें इलाज के लिए भी आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार पर HRTC पेंशनरों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया। एक साल बाद भी नहीं मिली राशि अनूप कपूर ने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री ने पिछले साल “HRTC स्वर्ण जयंती समारोह” में चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए 9 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। हालांकि, एक साल बीत जाने के बाद भी यह राशि जारी नहीं की गई है, जिससे पेंशनरों में असंतोष बढ़ रहा है। पेंशनरों ने पिछले तीन महीनों में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, वित्त सचिव, परिवहन सचिव और प्रबंधक निदेशक से मुलाकातें की थीं। उन्हें समय पर पेंशन भुगतान, मार्च 2024 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को पेंशन व अन्य लाभ, लंबित मेडिकल बिलों का भुगतान, DA एरियर की दो किस्तों का भुगतान और न्यायालय के आदेशों के बावजूद 5, 10, 15 प्रतिशत पेंशन वृद्धि के एरियर तथा पे मैट्रिक्स के आधार पर पेंशन के पुनः संशोधन जैसी समस्याओं के निवारण हेतु ज्ञापन सौंपे गए थे। इन सभी प्रयासों के बावजूद, HRTC पेंशनरों के प्रति सरकार का रवैया कथित तौर पर गैरजिम्मेदाराना रहा है। इसी के चलते, HRTC पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति ने 15 अक्टूबर 2025 को HRTC मुख्यालय, शिमला से सचिवालय तक धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। इस प्रदर्शन में लगभग 9000 सेवानिवृत्त कर्मचारी सभी संगठनों की संघर्ष समिति के झंडे तले एकजुट होकर शामिल होंगे।