हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के उपमंडल बंगाणा में गुरुवार को तीन स्कूली छात्राओं की खड्ड में डूबने से मौत हो गई। तीनों छात्राएं राजकीय स्कूल सनहाल की कक्षा 7वीं और 8वीं में पढ़ती थीं। मृतक छात्राओं की पहचान खुशी पुत्री मनजीत, कोमल और सोनाक्षी पुत्री अजय कुमार के रूप में हुई है। मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्राओं के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए शहर के सामान्य अस्पताल में भिजवाया और केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने पानी में तैरते देखें शव जानकारी के अनुसार विकास खंड बंगाणा की पंचायत बल्ह में तीनों छात्राएं घर के समीप खड्ड के किनारे गई थीं। शाम तक जब छात्राएं घर नहीं लौटीं, तब परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। खोज के दौरान खड्ड के किनारे एक बच्ची की चप्पल दिखाई दी। ग्रामीणों ने देखा कि छात्राओं के शव पानी की सतह पर तैर रहे थे। ग्रामीणों ने तुरंत तीनों को पानी से बाहर निकाला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थाना कलां पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। ग्रामीण बोलें-एक छात्रा का फिसला था पैर ग्रामीणों ने बताया कि सबसे पहले एक छात्रा का पैर फिसला और वह गहरे पानी में चली गई। उसे बचाने के प्रयास में दो छात्राएं भी पानी में उतरीं, लेकिन देखते ही देखते तीनों खड्ड के गहरे पानी में डूब गई। हादसे के बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया। मृतक छात्राओं में से एक के पिता मनजीत राम ड्राइवर हैं, जिनके पास ट्रैक्टर और जीप है। दूसरी छात्राओं के माता-पिता लिदकोट में रहते हैं और मनजीत की साली यहां क्वार्टर लेकर रहती हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे एसपी दर्दनाक घटना की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। गांव में मातम का माहौल है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से खड्ड के खतरनाक स्थलों पर सुरक्षा उपाय करने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। वहीं एसपी अमित यादव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और मामले की तहकीकात की। केस दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस थाना प्रभारी रोहित चौधरी ने बताया कि केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं ग्राम पंचायत प्रधान उषा देवी ने कहा कि घटना सभी के लिए बेहद दुखद है। अजय कुमार की तीन बेटियां थीं, जिनमें सबसे बड़ी थाना कलां स्कूल में पढ़ती थी, जबकि अन्य दोनों छात्राएं एक ही स्कूल में पढ़ती थीं। पढ़ाई के कारण ही उनकी मां क्वार्टर में रहकर बेटियों की देखभाल करती थी।