हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मनाली के छोटे-छोटे गांवों के युवाओं ने इतिहास रच दिया है। भारत ने पहली बार आधिकारिक तौर पर फायर बॉल एक्सट्रीम चैलेंज (FXC) वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई किया है। यह टीम न तो किसी स्पोर्ट्स अकादमी से है और न ही बड़े शहरों से, बल्कि मनाली के पहाड़ी गांवों से आती है। सरकारी स्कूल के मैदान में अभ्यास अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ये युवा हर शाम एक साधारण सरकारी स्कूल के मैदान में अभ्यास करते थे। पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी विजय ठाकुर के मार्गदर्शन और अपने जुनून के दम पर, उन्होंने वर्षों तक कड़ी मेहनत की। इसी अनुशासन और लगन ने उन्हें अब वैश्विक मंच पर पहुंचाया है। भारत ने पहले कभी नहीं किया क्वालीफाई यह 15 सदस्यीय भारतीय दल, जिसमें खिलाड़ी और कोच शामिल हैं, 1 से 9 दिसंबर 2025 तक इटली के लिग्नानो सब्बियादोरो में होने वाले FXC वर्ल्ड कप 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। यह उपलब्धि भारत के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि FXC वर्ल्ड कप के इतिहास में भारत ने पहले कभी क्वालीफाई नहीं किया था। काम कर पढ़ाई का खर्च निकाल रहे खिलाड़ी टीम के कई खिलाड़ी बेहद साधारण परिवारों से आते हैं, कुछ बागानों में काम करते हैं, तो कुछ ढाबों में काम करके अपनी पढ़ाई का खर्च निकालते हैं। इनमें से कई पहली बार हवाई जहाज में यात्रा करेंगे, पासपोर्ट बनवाएंगे और विदेश जाएंगे। FXC दुनिया का पहला अनिवार्य सह-शिक्षा खेल है, जिसमें हर मैच में लड़के और लड़कियां साथ खेलते हैं। यह खेल 8 से अधिक देशों में खेला जा रहा है। युवाओं को विश्व-स्तरीय प्रशिक्षण मिला जुलाई 2025 में, इटली और मेक्सिको के अंतरराष्ट्रीय कोचों ने मनाली में एक बूट कैंप आयोजित किया था। जिससे इन युवाओं को विश्व-स्तरीय प्रशिक्षण मिला। टीम का लक्ष्य केवल भाग लेना नहीं, बल्कि वर्ल्ड कप जीतकर भारत को गौरवान्वित करना है। स्थानीय प्रशासन, जैसे उपायुक्त तोरुल रवीश और खेल अधिकारी कविता ठाकुर ने टीम की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की हैं।

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