(डी.आर.गौतम-शिमला )-हिमाचल भाजपा पिछले लम्बे समय से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर संघर्ष से गुजर रही थी वहीं बुधवार को सुरेश कश्यप भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गए जिस से सभी अटकलों पर विराम लग गया,हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की कमान सांसद सुरेश कश्यप को सौंपी गई है. सुरेश कश्यप को राजीब बिंदल की जगह प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. कश्यप शिमला संसदीय सीट से लोकसभा सांसद हैं और पार्टी के दलित चेहरा माने जाते हैं. राजनीति से पहले वो एयर फोर्स में नौकरी करते थे.भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश में पार्टी की कमान सांसद सुरेश कश्यप को सौंपी है. सुरेश कश्यप को राजीब बिंदल की जगह प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. कश्यप शिमला संसदीय सीट से लोकसभा सांसद हैं और इससे पहले पच्छाद विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे हैं. इस बार बीजेपी ने दलित समुदाय पर दांव खेला है.कोरोना संकट के बीच हिमाचल प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष रहे राजीव बिंदल का पीपीई किट खरीदारी में रिश्वत लेने का मामला सामने आया था, जिसके बाद उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में अब बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजीब बिंदल की जगह सांसद सुरेश कश्यप को हिमाचल प्रदेश का बीजेपी अध्यक्ष नियुक्त किया है बता दें कि पूर्व सैनिक रह चुके सुरेश कश्यप का जन्म 23 मार्च 1971 को हिमाचल प्रदेश के पपलाहन जिला सिरमौर में हुआ. लोक प्रशासन में एमफिल, अंग्रेजी और पर्यटन में पोस्ट ग्रेजुएट, पब्लिक रिलेशंस एंड कम्युनिकेशंस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और बीएड की डिग्री हासिल की है.24 अप्रैल 1988 को सुरेश एयर फोर्स में सिपाही के पद पर तैनात हुए थे. इसके बाद साल 2004 में उन्होंने सेवानिवृत्त होने के बाद सियासत में कदम रखा. उन्होंने अपना राजनीतिक पारी का आगाज बीजेपी से किया. 2006 में सुरेश कश्यप भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष बने. इसके बाद उन्होंने सियासत में पलटकर नहीं देखा और तेजी से आगे बढ़े हैं साल 2009 में बीजेपी में उनका कद और बढ़ा और उन्हें हिमाचल प्रदेश में एसएसी मोर्चा का महासचिव बना दिया गया. उन्होंने चुनावी पारी का आगाज पच्छाद में बीडीसी सदस्य के तौर पर चुने जाने से किया. इसके बाद 2007 में पच्छाद विधानसभा सीट से टिकट मिला, लेकिन जीत नहीं सके. इसके बाद 2012 में विधानसभा में पहली बार उसी सीट से विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में दूसरी बार भाजपा से विधायक बने.और अब भाजपा ने दलित कार्ड खेलते हुए सुरेश कश्यप को हिमाचल भाजपा ने पार्टी में मुख्य पद पर नियुक्त किया है अब देखना ये है कि सुरेश कश्यप  भाजपा के अंतरकलह को समाप्त कर संगठन  को मजबूती दे पाते है या नहीं। 

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