( दीपक कुल्लुवीः भुंतर ) करोना महामारी का प्रचंड रूप झेलने के बाद एक लंबे अंतराल के बाद आज पहली बार ऑथर्ज़ गिल्ड ऑफ़ हिमाचल के मुख्यालय दीपक साहित्य सदन शमशी कुल्लू में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया जिसमें लगभग 35 लेखक साहित्यकार तथा अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर का विशेष ध्यान रखा गया। मुख्य अतिथि गणश गणी भारद्वाज के स्वागत उपरांत। कार्यक्रम का शुभारंभ हाल में ही जिला कुल्लू की बिछुड़ी साहित्य जगत की चार विभूतियों छेरिंग दोरजे, नवल ठाकुर दुर्गा दास राव, की याद में 2 मिनट का मौन रखकर किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के बाद अन्य कार्यक्रम आरंभ हुए जिनमें गीत ग़ज़ल शेरो शायरी कविताएं सब शामिल थे। नवोदित लेखिका कल्पना गौतम, अनुरंजनी और शालू देवी ने सबको मंत्रमुग्ध किया। वहीं 85 वर्षीय रमेश दत्त ने पहली बार अपनी रचनाएं सुनाई। मंच संचालन दीपक कुल्लुवी के हाथ में रहा ऑथर्ज़ गिल्ड ऑफ़ हिमाचल के चर्चित लेखक रमेश चंद्र मस्ताना की 2 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं मिट्टिया दी पकड़ और कागज़ के फूलों में जिनका विवेचन पारला भुंतर की विद्वान लेखिका इंदु शर्मा द्वारा किया गया । जिसका प्राक्कथन जयदेव विद्रोही ने लिखा था। कार्यक्रम की समाप्ति दीपक सदन स्थित नैना माता मंदिर प्रांगण में दोपहर के भोजन से हुई। हर मायने में यह कार्यक्रम सफल रहा। मुख्य अतिथि गणेश गणी भारद्वाज ने गिल्ड की गतिविधियों को खूब सराहा कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकारों देखो और अन्य व्यक्तियों के नाम इस प्रकार हैं इंदु शर्मा, पुनीत पटियाल, शालू देवी, कल्पना, अनुरंजनी गौतम, कुमुद शर्मा ,सुमन प्रिया सिक्का, डॉक्टर ओम हरी चतुर्वेदी, रमेश चंद्र मस्ताना, प्रभात शर्मा, जयदेव विद्रोही, गणेश गणी भारद्वाज , फिरासत उल्ला खान ,मौलाना नवाब हाशमी ,राजीव शर्मा ,विद्या देवी ,निर्झर पंडित, भगवान प्रकाश, रमेश दत्त शर्मा, साक्षी शर्मा, डॉक्टर सूरत ठाकुर, देवेंद्र गॉड ,गीता, लक्ष्मी, प्रियांश ,शेर सिंह, अजय कंबोज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *